Lal Bahadur Shastri Essay in hindi
लाल बहादुर शास्त्री भारत के स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख नेता थे और पहले प्रधानमंत्री भी थे। उनका जन्म 2 अक्टूबर, 1904 को मुगलसराय, उत्तर प्रदेश में हुआ था। वह भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक में से एक थे और अपने जीवन के दौरान उन्होंने देश के लिए अनेक महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं।
लाल बहादुर शास्त्री ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अपनी जान की परवाह किए बिना देश की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी। वे सत्याग्रह के माध्यम से अंग्रेज़ों के खिलाफ संग्राम करते रहे थे। वे स्वतंत्रता संग्राम के बाद भी देश की सेवा करते रहे थे और अपने कार्यकाल के दौरान वे देश के विकास के लिए अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए।
उनके प्रधानमंत्री के कार्यकाल में भारत-पाकिस्तान युद्ध हुआ था। वे अपने नेतृत्व में देश के लिए जीत के लिए लड़े। वे किसानों के हित में अनेक कदम उठाए और उन्हें आर्थिक रूप से स्थिर बनाने की कोशिश की।
लाल बहादुर शास्त्री एक व्यक्तित्व थे जो देश के लिए अनेक महत्वपूर्ण योगदान देने के साथ-साथ एक ईमानदार, संघर्षशील और निष्ठावान नेता भी थे। उनके नेतृत्व में भारत ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं, जिनमें विश्व फसल उपज कार्यक्रम और परमाणु ऊर्जा के विकास आदि शामिल हैं।
लाल बहादुर शास्त्री ने अपने जीवन में न्याय, स्वच्छता, विनम्रता, सम्मान और संघर्ष के सिद्धांतों का अपनाया था। वे जनता के मध्य से आते थे और हमेशा उनके हितों के लिए काम करते रहे थे। उनके सोच ने देश को एक समृद्ध, सशक्त और उन्नत बनाने के लिए मार्गदर्शन किया।
लाल बहादुर शास्त्री का नाम विश्वस्तर पर एक बड़े नेता के रूप में जाना जाता है जो एक समृद्ध और स्वतंत्र भारत की रचना के लिए समर्पित थे। उनके जीवन में हमेशा देश के हित को सबसे ऊपर रखा गया था और उन्होंने अपने कार्यकाल में देश के विकास के लिए अनेक निर्णय लिए।
लाल बहादुर शास्त्री द्वारा भारत के विकास में उनकी भूमिका अद्वितीय थी। उन्होंने अपने जीवन में नैतिक मूल्यों को सबसे महत्वपूर्ण माना था। उनका नारा "जय जवान जय किसान" भारतीय जनता के मन में गहरी उमंग भरता था। वे भारत के एक महान नेता थे, जो देश की स्वतंत्रता के लिए जीवन जोखिम पर लगाकर लड़े थे।
लाल बहादुर शास्त्री के नेतृत्व में भारत ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं। उन्होंने भारतीय सेना को ताकत दी थी और उसे तैयार किया था ताकि वह अपनी शक्ति का प्रयोग करके देश की सुरक्षा के लिए तैयार रह सके। उनके नेतृत्व में विश्व फसल उपज कार्यक्रम शुरू हुआ था जिससे देश के कृषि क्षेत्र में वृद्धि हुई। उन्होंने भारत के लिए परमाणु ऊर्जा का विकास किया था जो देश को ऊर्जा के क्षेत्र में स्वावलंबी बनाने में मदद करता है।
लाल बहादुर शास्त्री की आखिरी उपस्थिति दिल्ली में हुई थी। उन्होंने एक भाषण दिया था जिसमें वे अपने विदेशी दौरे के बारे में बता रहे थे। उन्होंने अपने भाषण में कहा था, "जब मैं देश से बाहर था, तो मैंने भारत को समझना शुरू किया था। और जब मैं वापस आया, तो मैंने फिर से भारत को जीता हुआ देखा।"
लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु 11 जनवरी, 1966 को तब हुई थी जब वे उन्हें मिलने जा रहे थे नॉर्थ ईस्ट डेल्ही के एक रेलवे स्टेशन पर। उनकी मृत्यु की वजह वर्तमान में भी अज्ञात है। लेकिन, उनके जीवन और कार्य का महत्व भारत के इतिहास में अभी भी महसूस किया जाता है। उन्होंने देश के विकास और सुरक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित किया था।