Srikanth Cricketer Biography in Hindi
क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ियों में से एक वीरेंद्र सेहवाग जैसे नामों के साथ-साथ क्रिकेट प्रेमियों के बीच एक और नाम हैं, जो कि क्रिकेट जगत के अंदर अपनी उपलब्धियों के लिए जाने जाते हैं। हालांकि यह खिलाड़ी अक्सर भूला दिया जाता है, उनके नाम हैं कृष्णमचारी श्रीकांत। उन्होंने अपनी जीवनी में क्रिकेट के बहुत से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपनी योगदान के लिए जाना जाता है।
श्रीकांत का जन्म 21 दिसंबर 1959 को मद्रास में हुआ था। उन्होंने क्रिकेट खेलना तो शुरू कर दिया था, लेकिन उन्होंने अपनी शैली को बदल कर बल्लेबाजी करनी शुरू की, और इस से पहले वह एक अलराउंडर के रूप में खेलते थे। श्रीकांत ने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए 1981 में अपना डेब्यू किया था, जहां वह पहले दो टेस्ट मैचों में नहीं खेल पाए थे, लेकिन बाद में उन्होंने अपने दोषों को दूर करके भारतीय क्रिकेट टीम के एक अहम हिस्से के रूप में अपनी जगह बना ली।
श्रीकांत का क्रिकेट खेलने का तरीका कुछ अलग था और उन्होंने बल्लेबाजी के क्षेत्र में अपने निश्चित धमाकेदार प्रदर्शन के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने एक उन्नत टेक्निक के साथ बल्ले का सामना किया और इसके बाद उन्होंने एक नया वर्गीकरण बनाया जो उन्हें देश और विदेश में एक लोकप्रिय बल्लेबाज बना दिया।
श्रीकांत ने 1985 में टेस्ट क्रिकेट के खेल में अपना सबसे अच्छा स्कोर बनाया, जब वह इंग्लैंड के खिलाफ चेतेश्वर पुजारा के साथ 222 रन की साझेदारी बनाई थी। श्रीकांत ने विश्व कप 1983 में भी भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्य के रूप में अपना योगदान दिया था, जब वह अंततः विश्व चैंपियन बनी थी।
श्रीकांत का टेस्ट क्रिकेट से संबंधित अन्य एक उल्लेखनीय उपलब्धि थी जब वह अपनी अंतिम सीरीज में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बल्लेबाजी करते हुए दो शतक बनाकर अपने संतोष विवाह के बाद संन्यास के बाद टेस्ट क्रिकेट में विदाई ली।
श्रीकांत ने बल्ले का सामना करते समय एक अद्भुत स्वभाव दिखाया था जो उन्हें एक उत्कृष्ट बल्लेबाज बनाता है। उन्होंने बल्लेबाजी के क्षेत्र में अपनी स्थानीय बल्लेबाजों को छोड़ते हुए अपने उन्नत तकनीक का उपयोग करते हुए एक नया वर्गीकरण बनाया।
श्रीकांत ने विश्व कप में भी अपने बल्लेबाजी के कुशलता का प्रदर्शन किया। उन्होंने विश्व कप 1983 में भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्य के रूप में खेला था और उन्होंने अपने सबसे अच्छे स्कोर के रूप में 38 रन का योगदान दिया था।
श्रीकांत ने वनडे इंटरनेशनल मैचों में भी अपनी क्रिकेटिंग क्षमता का प्रदर्शन किया। उन्होंने वनडे इंटरनेशनल मैचों में 146 मैच खेले थे जिसमें उन्होंने 4091 रन बनाए थे और उनकी औसत 29.23 थी। उन्होंने 2 शतक भी बनाए थे और उन्हें वनडे में बेस्ट बल्लेबाजों में से एक माना जाता है।
श्रीकांत को साउथ एफ्रिका के खिलाफ 1991 में एक अनोखी उपलब्धि भी हासिल हुई थी जब उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में एक बार फिर से शानदार प्रदर्शन किया था। वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने करियर का एक सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देकर मैदान पर उतरे थे। उन्होंने दोनों पारों में मिलाकर 123 रन बनाए थे। इसमें उन्होंने एक शतक भी बनाया था। यह मैच भारत के लिए एक ऐतिहासिक जीत बन गया था।
श्रीकांत ने खेल करियर के बाद भी क्रिकेट के क्षेत्र में एक अहम भूमिका निभाई है। वह आज भी क्रिकेट मीडिया में एक लोकप्रिय व्यक्ति हैं और वे क्रिकेट की टेस्ट फॉर्मेट में भारतीय टीम की रणनीति और तकनीक को समझाने में मदद करते हैं। उन्होंने क्रिकेट के क्षेत्र में बहुत सारे सम्मान प्राप्त किए हैं और उन्हें 2019 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।
श्रीकांत एक व्यावसायिक क्रिकेटर और क्रिकेट टीम के कोच के रूप में भी अपनी कौशल का प्रदर्शन करते हुए देखे गए हैं। उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और उनकी रणनीति
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और अभ्यास से लोगों को प्रेरित करते हुए एक मोटिवेशनल स्पीच देते हुए भी नजर आए हैं। उन्होंने विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में बहुत सारे मोटिवेशनल स्पीच दिए हैं जिनसे लोग उनके जीवन में से बाधाएं और सफलता के मोमेंट्स के बारे में सीख सकते हैं।
श्रीकांत क्रिकेट खेलने के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी एक सकारात्मक भूमिका निभाते रहे हैं। उन्होंने बॉलीवुड में अपनी एक फिल्म में काम किया था और उन्हें विविध प्रतियोगिताओं के जज के रूप में भी देखा जाता है। उन्होंने टेलीविजन में भी अपनी कला का प्रदर्शन किया है।
अन्त में, श्रीकांत एक ऐसे भारतीय क्रिकेटर हैं जिन्होंने अपने खेल के माध्यम से देश का नाम ऊँचा किया है। उन्होंने भारतीय क्रिकेट को उसकी विस्तृत इतिहास और समृद्ध रूपरेखा के साथ-साथ आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।