भारत में आतंकवाद पर निबंध (Terrorism in India Essay in Hindi) | Terrorism in India Essay | Bharat Mein Aatankwad Par Nibandh
भारत एक विशाल देश
है जिसमें अनेक जातियों और धर्मों के लोग रहते हैं। इस विविधता के कारण भारत को एक
बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है जो हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालती
है। यह समस्या है - आतंकवाद।
आतंकवाद एक बहुत बड़ी
समस्या है जो देश के अनेक हिस्सों में पाई जाती है। आतंकवाद का धमकी देना, हिंसा का विरोध करना, जनता के भय में जीना
और विवेकपूर्वक कार्रवाई नहीं करना आतंकवादियों के मार्गदर्शक हैं। यह समस्या सिर्फ
भारत में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व
में भी मौजूद है।
भारत में आतंकवाद
कई दशकों से अधिक दिनों से हमारी समाज और सुरक्षा को खतरे में डाल रहा है। आतंकवाद
के खिलाफ भारत सरकार और सुरक्षा एजेंसियों ने अनेक कदम उठाए हैं, लेकिन इस समस्या को
हल करने के लिए अभी भी काफी काम किया जाना चाहिए।
भारत में आतंकवाद
के अंतर्गत कुछ मुख्य उद्देश्यों
में शामिल हैं - सामाजिक और राजनैतिक उथल-पुथल को बढ़ावा देना, समाज के भागों को
भेदभाव बढ़ाना, सरकार के विरोध के
लिए समर्थन उत्पन्न करना और समाज को डराना।
भारत में आतंकवाद
के मुख्य कारणों में शामिल हैं - धर्मांतरण, आर्थिक समस्याएं, संघर्ष, नक्सलवाद और पाकिस्तान से आतंकवादी गतिविधियों का उत्पादन।
आतंकवाद के खिलाफ
लड़ाई लड़ने के लिए भारत सरकार और सुरक्षा एजेंसियों ने अनेक कदम उठाए हैं, जैसे कि विशेष विस्तार
वाली जांच और रोकथाम, तंत्रिक उन्नयन, नागरिक संगठन और अधिक
सुरक्षा उपकरण।
इन सभी कदमों के बावजूद, आतंकवाद फिर भी आज
भारत के लिए एक बड़ी समस्या है। समाज के हर वर्ग को इस समस्या के साथ लड़ने के लिए
एकजुट होकर भारत सरकार को समर्थन देना होगा।
आतंकवाद को हमेशा
के लिए समाप्त करना नामुमकिन हो सकता है, लेकिन हम सबको एकजुट होकर इस समस्या से निपटने की को शिक्षा, जागरूकता और संयम के माध्यम से समाज को आतंकवाद के विरुद्ध लड़ने
में मदद मिल सकती है। स्कूलों और कॉलेजों में आतंकवाद के खिलाफ जागरूकता कार्यक्रमों
का आयोजन करना चाहिए जो समाज को आतंकवाद के खतरों से अवगत कराएंगे।
समाज को इस समस्या
से निपटने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करना होगा। समुदायों के बीच समझौतों और समझौतों
को बनाए रखना अति आवश्यक है। आतंकवाद को समर्थन उत्पन्न करने वालों को कड़ाई से विरोध
करना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र संघ
के अंतर्गत भारत को आतंकवाद के खिलाफ लड़ने में मदद मिल सकती है। संयुक्त राष्ट्र संघ
द्वारा आतंकवाद से संबंधित नियमों और निर्देशों का पालन करना चाहिए।
अंततः, आतंकवाद को रोकने
के लिए समाज को जुट जाना होगा। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई केवल सुरक्षा एजेंसियों द्वारा
नहीं लड़ी जा सकती है। समाज के हर वर्ग को इस बड़ी समस्या से निपटने में अपना योगदान इसके अलावा, भारत को अपने पड़ोसी देशों के साथ समझौते और सहयोग बढ़ाने की
जरूरत है। समूचे दक्षिण एशिया के लोगों को आतंकवाद से निपटने के लिए साथ मिलकर काम
करना होगा।
भारत को अपने सुरक्षा
एजेंसियों के तंत्र को मजबूत करने की भी जरूरत है। सुरक्षा एजेंसियों को नवीनतम तकनीकी
उपकरणों के साथ सम्पन्न किया जाना चाहिए जो आतंकवाद को रोकने में मदद करेंगे।
इसके अलावा, आतंकवाद के पीछे छिपी
जड़ को समझना अति आवश्यक है। धर्मान्धता, आर्थिक तंत्र का विफलता, समाज में दोषों का होना आदि कुछ मुख्य कारण हैं जो आतंकवाद को
फलीभूत करते हैं। समाज को इन मुश्किलों से निपटने के लिए कुछ सकारात्मक उपाय अपनाने
होंगे जैसे भ्रष्टाचार को रोकना, समाज को जागरूक करना और न्यायपालिका को सुदृढ़ करना।
अंतिम रूप से, आतंकवाद एक संगठित
विपदा है जो समाज के हर वर्ग को प्रभावित करती है। समाज को आतंकवाद के विरुद्ध संगठित रूप से लड़ाई
लड़ने के लिए, सरकारों को अधिक निवेश
करने की जरूरत है ताकि सुरक्षा एजेंसियों को नवीनतम तकनीकी उपकरणों के साथ सम्पन्न
किया जा सके। इसके साथ ही साथ, सुरक्षा एजेंसियों को एक विशेष ट्रेनिंग देने की भी जरूरत है
ताकि वे आतंकवाद से निपटने के लिए तैयार हो सकें।
इसके अलावा, सामाजिक मीडिया और
संचार माध्यम भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जो आतंकवाद के खिलाफ जागरूकता फैलाने
में मदद करते हैं। सामाजिक मीडिया के माध्यम से लोगों को आतंकवाद की बुराई और उसके
पीछे छिपी जड़ की जानकारी देने के साथ ही स्थानीय नेताओं को भी जागरूकता फैलाने में
मदद की जा सकती है।
भारत समेत दुनिया
के कई देशों को आतंकवाद के खिलाफ साझा लड़ाई लड़नी होगी। आतंकवाद का सामना करने के
लिए समूचे विश्व को साथ मिलकर काम करना होगा।
आखिरकार, आतंकवाद को समाज के
हर वर्ग की ओर से लड़ा जाना चाहिए। सभी लोगो को इससे बचना चाहिए और सुरक्षा एजेंसियों
को इसमें समर्थ होना चाहिए। सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं को भी आतंकवाद के खिलाफ जागरूकता
फैलाने में मदद करनी चाहिए।
इस तरह से, हम सभी मिलकर आतंकवाद
के खिलाफ लड़ सकते हैं और देश को सुरक्षित रख सकते हैं। एक मजबूत एवं विश्वसनीय सुरक्षा
नीति बनाकर और उसे अमल में लाकर हम आतंकवाद को हराकर अपने देश को शांति और सुरक्षा
की दुनिया में बढ़ते देख सकते हैं।